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Thursday, January 24, 2019

सकारात्मक सोच कैसे बनाये ( जाने 7 तरीके )

हम  लोग बचपन में  जो सोच अपनाते है वो उम्र बाहर हमारे साथ रहता  है बचपन में हमारे लिए सकारात्मक सोच बनाना बेहद आसान होता है

हमें चाहे जैसी शिक्षा मौहाल मिला हो  पर बड़े होने   पर जो हमारा नजरिया होता है उसके जिम्मेदार सिर्फ हम होते  है और  हमें  अपनी जिम्मेदारियां कबूल  करनी होगी कुछ लोग ऐसे भी होते है जो किसी गलती के लिए खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराते है अपनी गलतियों को स्वीकार करना होगा और गलतियो से सीखना होगा

जो लोग नकारात्मक विचार के होते है वो अपनी असफलताओ के लिए अक्सर अपने माँ बाप और जीवनसाथी ,शिक्षक या अपनी आर्थिक स्थितियों और सरकार  को दोषी ठहराते है अब हमें पुराने विचारो से आगे बढ़कर आज़ाद होना है हमें अपने  सपने की तस्वीर बना कर आगे बढ़ना है हमें सच्चाई ईमादारी और अच्छाई  से जुडी चीजों के बारे में सोचना है इससे से हमारी सोच सकरात्मक हो जाएगी

सकरात्मक सोच   में अन्नत शक्ति होती है और मंजिल पाने की शुरुवात सकरात्मक विचार से होती है



चलिए जानते  है  की कैसे सकारत्मक विचार हम विकसित कर सकते है

आगे बढ़ना हो तो पढ़े ये किताबे 


सकारात्मक सोच कैसे बनाये ( जाने 7 तरीके )


सकारात्मक सोच   बनाने  के  लिए मैं आपको  7 तरीके बताऊंगा  जिससे आप अपनी जिंदगी में परिवर्तन ला सकते है
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#1  अच्छाई  के बारे में सोचे



सकारात्मक सोच विकसित  करने के लिए अच्छाइयों के बारे में सोचे और  अच्छाइयों  को खोजे किसी भी इंसान के बुरे पहलू  पे विचार न करके उसके  अच्छे पहलु पर विचार करे हमारे आस पास का मौहाल हमें इस कदर बदल देता है की हम उसके  अच्छे पहलु पे विचार न करके उसके  बुरे पहलु पर विचार करने लगते है और गलतिया निकालने  के आदि हो जाते है और हम उसकी खूबियों को अनदेखा करने लगते है


 #2 हर काम फ़ौरन करने की आदत डालो


हम  सभी जिंदगी   में  कभी न कभी टाल मटोल करते  है टाल मटोल की आदत की वजह से हमारा नजरिया नकारात्मक बन जाता है किसी  को करने से अधिक  थकान  उस काम  को न करने के लिए की जाने वाली  टालमटोल  की वजह से होती  है कोई काम  पूरा कर लेते है खुशहाली आती है और हौसला बुलंद होता है जब की आधा अधूरा काम हमारे हिम्मत को ख़त्म कर देता है जैसे एक टैंक में छेद टैंक को खाली कर देता  है

यदि हमें सकारात्मक नज़रिया और कायम रखना चाहते है हमें आज में जीने और हर काम को तुरंत करने की आदत डाले

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 सकारात्मक सोच ही सफलता की शुरुवात है 

#3  अहसान मानने  का नजरिया विकसित करे


आप अपनी दिक्कतों के बारे में न सोचकर अपनी सहूलियतों के बारे में सोचे अपनी इर्द गिर्द अच्छाईयो को महसूस करने के लिए वक्त निकाले
अपनी दिक्कतों के बजाय अपनी सहूलियतों पर गौर करे इसका ये मतलब नहीं की हमें आत्मसंतुष्ट हो जाना चाहिए अहसान मंद नजरिये का मतलब आत्म संतुष्टि नहीं है

आइये एक कहानी से इस बात को समझते है

एक डॉक्टर को शराबियो के एक समूह को सम्बोधित करने के लिए बुलाया गया उन्होंने शराबियो के सामने एक नमूना पेश किया जिससे उन्हें यह एहसास हो सके की शराब सेहत के लिए हानिकारक है इसके लिए उन्होंने दो कांच के बर्तन लिए एक में साफ़ पानी भरा और दूसरे में शराब भरी उसने साफ़ पानी में एक केचुआ डाला वह आसानी से तैरता हुआ ऊपर आ गया फिर उन्होंने उस केचुए को शराब के बर्तन में डाला केचुए के सबके आँखों के सामने टुकड़े टुकड़े हो गए
वह यह साबित  करना चाहते थे की शरीर के अंदर भी शराब का यही असर होता है नमूना पेश करने के बाद उन्होंने एक शराबी से पूछा इससे उन्हें क्या सीख मिली तब शराबी ने कहा शराब पीने से हमारे पेट के कीड़े मर जायेगे क्या ये कहानी से हमें ये सन्देश मिलता है बिलकुल नहीं हम वह नहीं सुनते जो हमें सुनाया जाता है बल्कि हम वह सुनते है जो हम सुनना चाहते है इस चीज में हमें गौर करना होगा

एक प्रेरणा दायक कहानी संघर्ष की

#4 जो काम जरूरी है उसे करने कई आदत डाले


जिंदगी में कुछ काम ऐसे होते  जिन्हे हम पसंद करे या न करे पर वे हमें करने पड़ते है जैसा की एक माँ अपने बच्चे का देखभाल हर हालत में करटी है यह कोई जरूरी नहीं की हमें इससे ख़ुशी मिले बल्कि इससे हमें तकलीफ भी मिल सकती है लेकिन हमें ऐसे कामो को पसंद करना सीखना चाहिए ऐसा करने से नमुमकिम मुकाम भी हासिल किया जा सकता है

#5 लगातार सीखते रहिए


क्या हम जो स्कूल या कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करते है वो हमारे लिए पर्याप्त  होती है सही मायने में नहीं हमें कॉलेज से बौद्धिक शिक्षा मिलती है जब की नैतिक शिक्षा कॉलेज में देना नहीं जरुरी समझा जाता है बौद्धिक शिक्षा हमारे दिमाग पर असर डालती है जबकि नैतिक शिक्षा मन को  प्रभावित करती है अगर अपने दफ्तर  घर और समाज में लोगो का चरित्र निर्माण करना चाहते है टी हमें नैतिक साक्षा की आवश्यकता होगी  हमें अक्षर शिक्षा की ज्यादा जरूरत नहीं है बल्कि चरित्र बनाने की शिक्षा की ज्यादा जरूरत है नैतिक शिक्षा प्राप्त करने वाला व्यक्ति अच्छी शिक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्ति से ज्यादा सफलता प्राप्त कर सकता है

इसका मतलब है की कॉलेज से हमें सम्पूर्ण ज्ञान नहीं मिलता है इसके लिए हमें लगातार सीखते रहना चाहिए अपने नैतिक और बौद्धिक ज्ञान को बढ़ाना चाहिए

#6 अच्छे स्वाभिमान का निर्माण करे


स्वाभिमान का अर्थ होता है की हम अपने बारे में क्या महसूस करते है जब हम अपने बारे में अच्छा महसूस करते है तो हम अच्छा  है घर और दफ्तर में हमारे रिश्ते बेहतर हो जाते है और दुनिया हमें अच्छी लगने लगती है इसका कारण  क्या हो सकता है इसका कारण  है की हमारे भावनाओ और व्यवहार में सीधा रिश्ता होता है हम किसी भी चीज के बारे में जैसा महसूस करते है वैसा उसके प्रति व्यवहार भी करते है

#7 नकारात्मक असर से बचे


आज कल  के युवक के व्यवहार मीडिया से बहुत जयादा प्रभवित होते है मीडिया से हम कभी कभी गलत   व्यवहार ग्रहण कर लेते है
 जैसे  कोई गली गैलोज़ वाली फिल्म देखने के बाद हम मुख से गाली निकलने लगत है या फिर हम वैसे एक्टिंग करने का प्रयास करने लगते है
ये सब हमारे व्यवहार को बहुत प्रभावित करते है और हमारे भीतर नकारात्मक विचारो पैदा करते है

नकारात्मक विचारो से  बचना  सिर्फ हमारी जिम्मेदारी है

इस  पोस्ट में हमने जाना कैसे सकारात्मक सोच विकसित  कर  सकते   है  अगले पोस्ट में आपको  और   किसके  बारे में जानना है हमें  कमेंट करके  जरूर बताये



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