add this

Monday, December 18, 2017

my first friendship

दोस्तों सबके जीवन मे एक ऐसा लम्हा आता जो हर
इंसान को याद रहता मैं आपको एक  कहानी बताने
जा रहा हूं जो मेरे दिल को छू गयी है मैं इसको कभी
भी नही भूल सकता हूँ
बात उन दिनों की है जब मैंने अपना 12 क्लास
कंपलीट करके बीएससी में एडमिशन लिया था
शुरू में हम तो क्लास नही करते थे पर बाद में
क्लास  रेगुलर अटेन्ड करने लगे मेरे क्लास की एक
लड़की जो कि बहुत ही खूबसूरत थी और मैं उसे बहुत
पसंद करता था जिसका न रिया था वो भी पढ़ती थी
मैं अक्सर यही जॉच करता था कि लड़कियां बहुत ही
घमंडी होती है और वह किसी से बात नही करती
क्योंकि वह भी  कुछ भी नही बोलती थी क्लास करके
सीधे चली जाती थी मैं अक्सर सोचता रहता था आखिर
मैं इससे बात करू तो कैसे करू तमाम हिम्मत जुटाने
के बाद मैं सोच लिया नही मैं तो इस लड़की जे बात करके
ही रहूंगा  चाहे जो हो जाये
फिर मैं अगले दिन कॉलेज आया तो रिया मेरे सामने ही खड़ी
हुई थी मैंने उससे पूछा क्या तुमने स्कॉलरशिप का फॉर्म
जमा कर दिया वो एकदम से शॉक हो गयी फिर उसने कहा
नही तो अभी नही फिर मैंने उसको बताया कि कल स्कॉलरशिप
भरने का आखरी दिन है उसने कहा अभीतक मैंने जितनी बार
स्कॉलरशिप के लिये apply किया था तो एक बार भी मेरी
स्कॉलरशिप नही आयी थी इसलिए मैंने स्कॉलरशिप के लिये नही
अप्लाई किया मैंने उसको बताया नही स्कॉलरशिप आती है तो
उसने कहा अब तो टाइम नही बचा है फिर मैंने कहा नही मैं हेल्प
कर सकता हूँ फिर मैंने उससे उसके डॉक्यूमेंट के बारे में पूछा तो
उसने कहा मेरे सभी document घर पे हैं मैने कहा  चलो हम बाइक
से तुम्हे छोड़ देते हौ और  वह बिना कुछ सोचे राजी हो गयी फिर
मैं बाइक उसके घर गया वहां मैं रिया की दादी मम्मी और छोटे
भाई से मिला पहले तो वे लोग अचंभित हो गए ये लड़का कौन है
क्योंकि आजतक कोई भी लड़का रिया को छोड़ने घर नही आया
था फिर रिया ने घर वाले से मुझे मिलाया सब ने मुझसे काफी
अच्छे से बात की उसकी दादी  मेरी पूरी हिस्ट्री पूछने लगी फिर
मैन बताया कि मेरे घर पे आंवले का बाग है और हमारे यहाँ
आँवले से सबंधित सब काम होते हैं जैसे आंवले का आचार बिकता
है मुरब्बा बनता और सभी काम होते है तब तक रिया अपने डॉक्यूमेंट
लेकर आ गयी फिर दादाजी से कहा अब बस भी करो दादी आप कितना
सवाल पूछोगी उसकी दादी ने लहै बेटा अगली बार जरूर आना साथ
ही मेरे लिए मुरब्बा और आंवले का अचार जरुर लाना मैंने वादा किया
हा मैं आऊंगा और आंवले के आचार भी ले आऊंगा फिर मैंने सबसे नमस्ते
किया और फिर कॉलेज चले गए वहां से फिर स्कॉलरशिप का फॉर्म लिया
और फॉर्म को भरने लगे फॉर्म को  fill करने के बाद हम प्रिंसिपल के
ऑफिस में गए पता चला कि वो घर से कुछ फ़ोन आया है वो घर के
लिए बस अभी अभी निकले है और कल वो कॉलेज नही आएंगे वो
दिल्ली जा रहे है किसी रिश्तेदार की शादी में तब रिया ने कहा ण कैसे
होगा फिर मैं सोचा तुम चिंता मत करो मैं उनका घर जानता हूँ
और बस अभी सिग्नेचर कर लाता हूँ और मैं तुरंत बाइक लेकर
प्रिंसिपल sir के घर पे पहुंच गया और किस्मत से प्रिंसिपल sir
मिल गए उन्होंने सिग्नेचर कर दिया और मैं कॉलेज लौट आया
और स्कोलरशिप फॉर्म जमा कर दिया फिर मैं रोया के पास गया और
कहा तुम्हारा फ़ॉर्म मैंने जमा कर दिया तब उसने अगर तुम न होते
तो शायद मैं यह स्कॉलरशिप का फॉर्म न भर पाती उसने मुझ इस
काम के लिए थैंक्स कहा मैन कहा इसकी कोई जरुरत है नही
फिर हम एक दूसरे के बहुत क्लोज फ्रेंड बन गए ये थी मेरी गर्लफ्रैंड
की कहानी को कैसे एक ही बार में बात करने से मैं उसके पूरे परिवार
से मिल आया अब हम बहुत अच्छे फ़्रेंड है और मैं अक्सर उसके घर
जाता रहता  रिया के दादी को मुरब्बे और आंवले के आचार बहुत पसंद
है रिया मेरे सबसे करीब हैं

No comments:

Post a Comment